तहसीलदार अशोकनगर को आमजन द्वारा सूचना प्राप्त हुई की शहर के बीचों – बीच स्थित श्री धनुषधारी मंदिर के नाम की वेशकीमती भुमि पर वर्तमान में हजारो की संख्या में मकान बने हुये है जिसकी तहसीलदार अशोकनगर द्वारा टीम द्वारा जांच कराई गई जांच में उक्त भुमि पर सैंकडो की संख्या में मकान 1995 से 2016 की अवधि में बने होना ज्ञात हूआ है यह सभी मकान विभिन्न व्यक्तियो के द्वारा अपने हित में नोटरी संपादित करवाकर बनाये गये है मंदिर के पुजारी संघ से जुडे 4-5 प्रभावशाली पुजारीयो व अन्य व्यक्तियो के द्वारा समस्त नोटरीया कराई गई है कुछ व्यक्तियो द्वारा मौखिक रुप से कब्जा देकर मकान बनवाये गये है विवादग्रस्त भुमि सर्वे क्रमांक 647, 652, 653 654, 679,1330, 1397 व 1399 का सीमांकंन व स्थल निरीक्षण कर जांच प्रतिवेदन के पालन में गठित सीमांकंन दल द्वारा सीमांकंन व मौका जांच की गई जांच से प्राप्त हुआ कि सर्वे नंबर 699 जो कि बायपास रोड बस स्टैण्ड के पास स्थित है में सडक किनारे अस्थाई गुमठिया रखकर अतिक्रमण किया गया है सर्वे नंबर 647 , 652 , 654 , 653 मे अज्ञात लोगों के द्वारा तारफेंसिंग करके , झोपडिया बनाकर ,गड्डे खोदकर सीमेंट के खंभे खडे करके अतिक्रमण किया जा रहा है जिसे दीनाक 29.12.2022 को पुलिस एंव प्रशासन की उपस्थिति में मौके से हटा दिया गया है । पुलिस व प्रशासन की टीम द्वारा उक्त विवादित भुमि पर से करीबन 12 बीघा भुमि पर हुये अबैध कब्जे को हटाया है । जांच रिपोर्ट के आधार पर भुमि विक्रेता आरोपीगण कमलदास बैरागी पुत्र मोहनदास बैरागी ,प्रमोद बैरागी पुत्र रमेश बैरागी ,रमेश बैरागी पुत्र मोहनदास बैरागी सभी निवासी लम्बरदार गली अशोकलगर वीरेन्द्र लाखरे पुत्र कमलसिंह अहिरवार निवासी नहर कालोनी वार्ड नंबर 06 अशोकनगर जिला अशोकनगर प्रदीपसिंह पुत्र देसासिंह , शंकर कालोनी , कॉलुआ रोड अशोकनगर सभी के विरुध्द शासकीय भुमि पर बिना अधिकारीता के खुर्द -बुर्द करने अवैध रुप से आर्थिक लाभ अर्जित करने के कारण अपराध धारा- 420 , 34 भादवि का पंजीबध्द किया गया आरोपीयो के द्वारा करीबन पचास करोड रुपये की सरकारी भुमि को खुर्द-बुर्द कर बेंच दिया है । दौराने विवेचना आरोपी कमलदास बैरागी पुत्र मोहनदास बैरागी ,प्रमोद बैरागी पुत्र रमेश बैरागी निवासीगण लम्बरदार गली अशोकनगर तथा बीरेन्द्र लाखरे पिता कमलसिंह अहिरवार जाति अहिरवार, निवासी नहर कॉलोनी वार्ड नंबर 06 अशोकनगर जिला अशोकनगर को गिरफ्तार किया गया है । आरोपी कमलदास बैरागी पर इसी मामले में बर्ष 1999 , 2017 में भी अपराध पंजीबध्द किया गया है ।